रेलवे ट्रैक से सटी मजार, अंग्रेज तक नहीं हिला सके एक ईंट, जानिए क्या है इतिहास?
Izzatnagar railway station Mazar Story: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें रेलवे स्टेशन पर एक मजार दिख रही है. सभी इसे लेकर अपने-अपने नजरिए पेश कर रहे हैं, लेकिन इसकी हकीकत शायद ही कोई जानता हो. हम इस आर्टिकल में आपको पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल मंडल के इज्जतनगर स्टेशन पर बनी इस मजार की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं.
सभी जानना चाहते हैं कि यह मजाक कितनी पुरानी है, जिसके लिए ट्रैक का रास्ता तक बदला जा चुका है. आखिर क्यों इस धार्मिक स्थल को आज तक यहां से हटाने की कोशिश नहीं की गई है. कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इसकी पूरी सच्चाई जाने बगैर कुछ ऐसी बातें भी लिख रहे हैं, जिससे दूसरों की भावनाएं आहत हों.
आपको बता दें कि ये रिकॉर्ड्स के मुताबिक ये मजाक उस स्थल पर तब से है, जब यहां रेल ट्रैक तक नहीं था. खुद अंग्रेजों ने ट्रैक के लिए इसे वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन उस वक्त कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिसकी वजह से इस निर्णय को वापस लेना पड़ गया था. खुद रेलवे ठेकेदारों ने इस मजार का सौंदर्यीकरण करवाया है.

रेल अधिकारी बतातें हैं कि ब्रिटिश शासन के वक्त इज्जतनगर स्टेशन पर मीटरगेज लाइन का निर्माण हुआ था. उस वक्त यहां नन्हें शाह की मजार थी. अंग्रेजों ने इसे कई बार हटाने की कोशिश, लेकिन वो ऐसा करने में कभी कामयाब नहीं हो सके.
इई ब्रिटिश अधिकार आए, लेकिन इस मजार की एक ईंट तक हिला नहीं सके. आखिरकार मजार के पास मीटरगेज लाइन बिछाई गई. आजादी के बाद भी इसे यहां से हटाने की कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार इरादे बदले ही पड़े.
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सैय्यद नन्हें शाह की मजार पहले अप-डाउन रेल लाइन के बीच था, जिसके बाद ब्राडगेज का विस्तार कराया गया. ट्रैक का पूरब दिशा की ओर से विस्तार हुआ, जिसके चलते धार्मिक स्थल सुरक्षित बच गया है.